बचपन में माँ कहती है तुझे कुछ समझ नहीं आता । जवानी में बीबी कहती है आपको कुछ समझ नहीं आता । बुढ़ापे में बच्चे कहते हैं आपको कुछ समझ नहीं आता । पुरूषों की समझने की उम्र कौन सी है ये समझ नहीं आता ॥
टीचर - अब मै तुमसे एक ऐसा प्रश्न पूछने जा रहा हूं जिसका जवाब तुम लोग सात जन्मो तक नही दे सकते . . टीचर - बताओ एक बाईक पर 13 लोग कैसे बैठेंगे? . . स्टूडेँट - सिँपल है सर. . . एक ड्राइवर और दो छक्के. . . कसम से पाँच साल हो गए और टीचर अभी तक कोमा मे है....
आजकल धनसुख भाई बढ़ते जा रहे है मनसुख भाई कम होते जा रहे हैं। शाँतिलाल जी कहीं दीखते नहीं माँगीलाल जी बढ़ते जा रहे है॥ देबीचंद का पता नहीं . ज्ञानचंद और रायचंद बढ़ते जा रहे हैँ ॥ यह बात जिसको समझ आयी उसको वंदन। जिसको नहीं आई उसको अभिनंदन ॥
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