मैं भी आज ठेका ही नहीं खोलूंगा


दारू के बंद ठेके के बाहर लोगों की
भीड़ लगी थी।
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एक आदमी बार-बार आगे जाने की
कोशिश करता और लोग उसे पकड़कर
पीछे खींच लेते।
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5-6 बार पीछे खींचे जाने के बाद वह
चिल्लाया, ‘लगे रहो सालो लाइन में,
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मैं भी आज ठेका ही नहीं खोलूंगा।

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